Divine India
Idea Of Romance Floats With The Silence Of Water...
Home
Pages
Categories
Blog Guide
Static Page
चिंतन-३
"जब पीड़ा का एहसास बढ़ता है तो उत्तेजना बढ़ती है,
और जब थोड़ा सुख बढ़ता है तो आनंद-धारा प्रवाहित
होने लगती है."
0 comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Search The Blog
Jai Hind
वंदे
मातरम्
About Me
Divine India
The Only Thing I Know About Myself Is That I Know Nothing...
View my complete profile
The Other Me
Director's Desk
Labels
My Brother's Head
अनंत मन टटोल…
का कहूँ उस प्रीत की…
तस्वीर
दर्शन की बूंद पड़ी…
पुस्तक समीक्षा
प्रेम पंथ ऐसो कहाँ…
प्रेम रस की ओढ़ चदरिया…
मधुशाला
मीमांसा
मेरे अनुभव
Popular Posts
अशुभ की समस्या…!!!
ऐसे काफी सारे प्रश्न हैं जो हमें उद्वेलित करते रहते हैं… और उनमें सबसे महत्व- पूर्ण दार्शनिक दृष्टिकोंण से है कि जब इस जगत का निर्माता ईश्वर...
Incredible India...! अतुल्य भारत…???
Incredible India...! अतुल्य भारत…? अचानक मैं घोड़े की टाप से रौंदा जाने लगा, चेहरे से रक्त की धार फूटने लगी, मेरा हरा-भरा बाग जिसमें ...
प्रीत की लगन या मुक्ति मार्ग
आगोश में निशा के करवटें बदलता रहता है सवेरा लिपटकर उसकी संचेतना में बिखेरता है वह प्रांजल प्रभा… संभोग समाधि का है यह या अवसर गहण घृणा का फि...
आशा का नभ है विशाल…।
जाने कितनी ही सुबह बीत गई रात को तकने के बहाने पर याद रहा मेरा यही साथी जो साथ चला था तन्हाइयों में उस वक्त… अपने फिल्म को लेकर इतना व्यस्त ...
मेरा गीत, मेरी मधुशाला…!!!
"काफी समय बीत गया रुह चुराने में… शायद जीवन और लगे उसे पास लाने में"। इस दौरान मेरे एक मित्र मधुमये जी जो संगीतकार हैं, उन्होंने म...
नया साल मुबारक!!!!
कुछ छूट रहा है मुझसे गहराते दरियाओं का शहर, आज आ गया है मुझसे मिलने और नया आरंभन, बस दो पल के लिए बिखर जाऊँ उस घने आगोश में, रोज नया आरोह...
चला मुरारी "Director" बनने…!!!
बिहार के ग़र्द से दिल्ली की ज़र्द तक और मुंबई के "अर्ज़" पर चला यह 'मुरारी' अब "Director" बनने...!!! UPSC(IAS)छ...
चार कौए उर्फ़ चार हौए
बहुत नहीं थे सिर्फ़ चार कौए थे काले उन्होंने यह तय किया कि सारे उड़ने वाले उनके ढंग से उड़ें, रुकें, खाएँ और गाएँ वे जिसको त्योहार कहें ...
दीपावली की शुभकामनाएं !!!
Divyabh Aryan Photography मेरे सभी पुराने व नये मित्रों को "दीपावली" की ढेरों शुभकामनाएं धन्यवाद।
Broken Eyes 1
गहरे आकाश पर चलकर फिसल गया हूँ कई बार, उदास नम आँखों से टपक गया हूँ कई बार, तन्हाइयाँ बेचैन कर जाती हैं या बेचैनी में तन्हा रह जा...
Blog Archive
►
2016
(1)
►
May
(1)
►
2015
(1)
►
March
(1)
►
2011
(2)
►
February
(1)
►
January
(1)
►
2010
(1)
►
November
(1)
►
2009
(1)
►
May
(1)
►
2008
(4)
►
November
(1)
►
July
(1)
►
April
(1)
►
March
(1)
►
2007
(38)
►
December
(1)
►
November
(2)
►
October
(2)
►
September
(1)
►
August
(2)
►
July
(3)
►
June
(2)
►
May
(3)
►
April
(2)
►
March
(3)
►
February
(6)
►
January
(11)
▼
2006
(3)
▼
December
(2)
प्रतीक्षा
चिंतन-३
►
November
(1)
Instagram feed
Find us on Facebook
Followers
0 comments:
Post a Comment