शक्ति है… विश्वास है…
आजाद भारत का वरदान है
यह शब्द हमारी "आन" है
इसकी उन्माद हमारी "जान" है
उद्घोष हमारी "शान" है…
आत्मा के अंतरतम में गुंजता यह
पावन गीत मेरे हर्ष का आधार है…
वंदेssssss मातरम…………………
अखंड भारत का गौरव…एक पवित्र जाग है…।
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आओ मिलकर जोड़ कर को गा लें हम भी गीत नया,
बुन लें मन के साजों से आज कोई संगीत नया…
बांध शमा इस पावन पर्व पर नतमस्तक हो
चरणों में माता के अर्पण अपना द्वेष करें…
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अभी तक आसमां अधुरा है
तकता राह अपने कर्णधारों का…
सभी सितारे टिमटिमाते…इशारा
कुछ संदेश हमें हैं दे रहे…
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बढ़ो… और बढ़े चलो…
भर दो सौमनस्य-सौहार्द अश्रुरुद्ध राह संकेतों पर
व्यथित दुखद इस जीवन की सिसकियों पर…
ध्यये निष्ठ होकर तन्मयता से खोदो एक
रास्ता आनंद विस्फारित उजले उपवन तक
फैलाकर अपने शांती का उज्जवल पंख
दु:स्वपन में डुबे भाग्य पर कुछ ललित पंक्तियाँ पढ़ दो…।
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बढ़कर सीना तान सामने विपत्तियों के
बना लें रास्ता भाव रचना की अटल होकर
नियति की कस्ती को अयाचित करूणा, स्निग्ध प्रेम
से थामे… खुशहाली की अभिव्यक्ति देकर…
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सौंदर्य प्रेम का अनुसरण ही
मानव में सत्य का अवतरण है
इस नश्वर जगत का यह प्रकाश
प्रेरणादायक मुस्कान का प्रज्वलन है
बेचैन मन के अनवरत संघर्ष में ही
उस नवयुग का उत्थान समर है…
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संताप अग्नि में जलकर ही
पैदा होता है एक प्रेम मशाल
दुर्बलताओं पर विजय करने का
द्वार खोलता है यह अविष्कार…
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अनुगमन करते अपने संस्कृति-संस्कार का
बढ़ चलें आशा का हर्ष दीप लिए
आनंद के सिंचन से धो दें कलुषित दामन को
अंधकाराच्छादित यौवन में प्रकाश स्थित करें…
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संग्राम बड़ा यह विकट है पर
गहराई इसमें अनंत खुशियॉ पूरित है
फूलों की सेज सजा, दर्शन का ओढ़ उढ़ौना
भीतर के प्रभापूर्ण गरिमा से अंधे युग का
नाश… अभिनव क्रांति का शिलान्यास करें
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फैला शक्तिशाली भुजाओं को
आलिंगन दें हम अनेकों प्राणों को
बढ़ायें अपने कदम आशा के नभ मंडल की ओर
मानवता के उत्थान उसके अज्ञानों की ओर…
जीवन की निस्तब्धता से आगे ही तो
स्वाधीनता का महान उषाकाल है…।
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वंदेमातरम…वंदेमातरम…वंदेमातरम
जय हिंद!!!
19 comments:
स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनायें।
आज सड़क पर स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे तिरंगा लेकर पंक्ति में चल रहे थे. गा रहे थे - वन्दे मातरम. आज शायद शब्द का मतलब समझने की उम्र में नहीं थे, पर जज्बा तो आ रहा है उनमें.
मेरी गाड़ी 3 मिनट खड़ी रही उनके सड़क पार करने में. पर अच्छा लगा.
स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनायें।
वंदे मातरम्
स्वतंत्रता दिवस की बधाई !
कविता बहुत ही अच्छी लगी।
स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनायें।
कविता अच्छी लगी।
घुघूतीबासूती
आपकी .कविता ओजस्वी लगी
स्वतंत्र भारत की ६० वी साल गिरह आप को भी खुशी दे ..
इस शुभ कामना के साथ...
स स्नेह -- लावन्या
बहुत सुन्दर कविता।
आपको स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ।
आओ मिलकर जोड़ कर को गा लें हम भी गीत नया,
बुन लें मन के साजों से आज कोई संगीत नया…
बांध शमा इस पावन पर्व पर नतमस्तक हो
चरणों में माता के अर्पण अपना द्वेष करें…
बहुत ही सुंदर कविता लिखी है आपने इस मोके पर
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ।
स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनायें।
दिव्याभ
बहुत सुंदर चित्र है। शरीर पर गुर्बत का जामा पहने हुए भी होंटों पर मुस्कान, दूर भविष्य में आशा की झलक ढूंढती सी चमकती हुई आंखें, सलामी-उंगलियां जैसे संदेश दे रही हो कि भारत महान है, मुझे इस पर गर्व है।
कविता के विषय में क्या कहें? 'वंदेमातरम' का वृहत रूप है। बहुत ही भावपूर्ण, सशक्त और
शब्द-चयन के जादू का सा असर करने वाली रचना है। ऐसे ही लिखते रहो।
we all talk everyday about freedom..individual freedom...but unless it's 15th august we nvr mk effort to think abt the nation as whole...n it's fight of independence...
truely a spectacular piece of writing..country needs these kinds of fire...to mk it's citizens aware..that how much hd been put into to get wat we cherish today n how much is required to b cherished by coming generations...:)
स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनायें।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....बधाई
इस क्रम को बनाएँ रखें....../
सभी लोगों को मेरी ओर से भी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ…।
एवं रचना को सराहने का बहुत-2 शुक्रिया…।
बहुत खूब, लाजवाब। आपने जितने मन से अपने ब्लाग को संवारा है, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। मैं तो सिर्फ इतना ही कह सकता हूँ बधाई, बहुत-बहुत बधाई।
padi to kaafi pehele thi magar comment aaj de rahi hu...mere shabd wahi hai magar kavita sahi me aachi hai
दिव्याभ,
आपके प्रयास सराहनीय है और में अपने ब्लॉग पर आपका ब्लॉग लिंक कर दिया है। ऐसे ही भावपूर्ण लिखते रहो।
i lost your id sur to some problem in computer could you please email the same
regds
rachna
आपने अपना नाम नही दिया इसीलिये संबोधन के लिये मैं असमंजस में हू परंतु आप लिखते अच्छा है कृपया अपने चिट्ठे में निरंतर पृविष्टियां लिखते रहें तो मुझे खुशी होगी।
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